Due to the ongoing war between Russia and Ukraine, the prices of crude oil were sky-rocketing. This would have impacted India badly. This is why India thought to import oil from Russia at a cheaper rate. Post this, America warned India of consequences and said, ‘see where you are standing.’ But the country has been mum over European nations importing 49 percent of crude oil from Russia only. Take a look
रूस से भारत जल्द सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने वाला है. माना जा रहा है कि रूस से भारत 3.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल की खरीदारी कर सकता है. रूस ने खुद भारत को सस्ता तेल बेचने का ऑफर दिया है जिसपर मोदी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. रूस ने भारत को कच्चे तेल बेचने के दौरान शिपिंग और बीमा खर्च की भी जिम्मेदारी खुद लेने का ऑफर दिया है.
इससे पहले पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने संसद में कहा था कि भारत रूस से डिस्काउंट वाला कच्चे तेल खरीदने पर विचार कर रहा है. रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने पर भारत को जबरदस्त फायदा होगा जो महंगे कच्चे तेल से परेशान है. हालांकि केंद्र रूस को कच्चे तेल खरीदने पर भुगतान का तरीका क्पया हो इस पर विचार कर रहा है. रुपया – रूबल व्यवस्था एक विकल्प है पर अंतिम फैसला जल्द लिए जाने की उम्मीद है.
रूस भारत का सबसे भरोसेमंद पुराना मित्र देश रहा है. इसी के चलते भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर यूएन में रूस के खिलाफ मतदान में हिस्सा नहीं लिया. वहीं अमेरिका को भी रूस से भारत के तेल खरीदने पर आपत्ति नहीं है. वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, भारत रूसी तेल पर छूट खरीदकर प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है.
आपको बता दें भारत अपने खपत का 85 फीसदी कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भर है. वहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने के आसार के चलते कच्चे तेल के दामों में गिरावट देखी जा रही है. कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला है जो बीचे हफ्ते 14 साल के उच्चतम स्तर 140 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा था.